Author Interview with Gosh Bawa

Author Interview with Gosh Bawa

Evincepb Publishing: Welcome to Evincepb Publishing, author. Congratulations on the release of your book. What responses are you getting from your readers? Please share your experience with this book.

Author:  लॉन्च के बाद से ही बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।  अब लोग नए लेखकों को बहुत सपोर्ट और प्यार दे रहें हैं।  हिंदी लेखन, कहानी और कवितायें हमेशा से लोगों को पसंद रही हैं।  ये ना सिर्फ बड़े शहरों को अपितु छोटे शहरों का भी प्यार पाती हैं, और यही प्यार दही जलेबी बुक को मिल रहा है। मै आशा करता हूँ की यही प्यार मुझे आगे भी मिलता रहेगा। मुझे पाठकों से ये सुन ने को मिला की वो पंक्ति पढ़ के मैं हंस दिया , या मेरे मुँह से ‘क्या बात’ निकल गया , और ये मुझे अलग अलग आयु के लोगों से सुन ने को मिला, ये मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। दही जलेबी बुक अमेज़न पर साहित्य और कल्पना की केटेगरी में बहुत अच्छा कर रही है , और एक अच्छी रैंक तक ट्रेंड हुई है।  मै बहुत शुक्रगुजार हूँ।

Evincepb Publishing: What encourages you to become an Author?

Author: शुरुआत से मैंने अपने दादाजी को लिखते देखा है, उन्हें हम प्यार से दद्दा बुलाते थे।  मुझे लगता है मुझे इंस्पिरेशन वहीं से मिली।  मै अपने लेखन से खुद को व्यक्त कर पाता  हूँ।  मैं अपने विचारों से एक कला को जन्म दे पाता हूँ, ये बहुत संतोषजनक है। 

Evincepb Publishing: What are your favorite topics of writing? Please tell us something about your interest areas in the literature.

Author: कविताओं में मुझे, विरह, प्रेम और दुनियादारी , इसपर लिखने में मज़ा आता है।  कहानियों में तो कोई सीमा नहीं है। जैसे आज का पाठक सारे स्वाद चाहता हैं वैसे ही मुझे हर तरह की कहानी से प्यार है और लिखना भी पसंद है।

Evincepb Publishing: We were hoping you could tell us about some of those writers who had inspired you and whom you follow!

Author: वैसे तो प्रेमचंद पढ़ की ही हम बड़े हुए हैं, तो वो तो हमेशा से ही मुझे पसंद हैं। इनके अलावा  मनोज मुन्तशिर, कवी राज कुमार विश्वास जी और अमिश जी भी बहुत प्रेरणा देते हैं। बिस्वापाती सरकार और  वरुण ग्रोवर की भी राइटिंग बहुत ही उम्दा और क्रिएटिव हैं।  ये तो मैं बस कुछ लोगों का नाम बोल पाया हूँ, ऐसे बहुत से लोग हैं जिनसे मैं बहुत प्रेरित हूँ और प्रभावित हूँ।

Evincepb Publishing: The titles seem different and catchy; how you decided it? Please let us know the story behind it.

Author: दही जलेबी , हमारे प्रयागराज का बहुत फेमस नाश्ता है , जैसे इसका एक अलग स्वाद है और  दही जलेबी को हमारे यहाँ हर उम्र के लोग एन्जॉय करते हैं । वैसे ही इस बुक का भी एक अलग स्वाद है , और इसे हर उम्र के लोग एन्जॉय  कर सकते हैं। इस बुक के नज़रिये से दही जलेबी एक उत्तम समानता को प्रदर्शित करती है।

Evincepb Publishing: What are your achievements so far? Tell us something about your writing career.

Author:  मै बस एक प्रयासरत लेखक हूँ और कोशिश करता हूँ की अच्छा लिख पाऊं।  मैं बहुत पहले से लिख रहा हूँ, लेकिन ‘दही जलेबी’ मेरी पहले प्रकाशित किताब है। इतना प्यार और सपोर्ट मिलना , यही मेरा अचीवमेंट है।

Evincepb Publishing: What is your current goal in writing a career? How do you see your future in writing?

Author: मै बस ज्यादा से ज्यादा अच्छा साहित्य , कवितायें और कहानियां लिखना चाहता हूँ । फ्यूचर में अपनी लेखन को और उम्दा करके आप सब के सामने पेश करना चाहता हूँ।

Evincepb Publishing: Are there any other books being worked by you? Please let us know about your future projects.

Author: ‘दही जलेबी’, मेरी पहली प्रकाशित किताब है। बहुत सी रचनायें लिखीं रखीं हैं, कुछ साहित्य लिखा है, कुछ अधूरा है, देखिये अब कब मुलाकात होती है। 

Evincepb Publishing: How you see Indian writing in the 21st century? What changes do you see in the modern way of writing? Do you feel it has been changed by the time?

Author:  भारतीय साहित्य समय के साथ बदला है। आज की कहानियां ,आज के समय की हैं, आज लोग बहु चर्चित नाटकों का भी रूपांतरण आज के समय के हिसाब से कर रहे हैं।  मुझे लगता है ये अच्छा है क्यूंकि आज का पाठक 21st Century के समय और माहौल  से अपने आप को अच्छे से जोड़ पाता है।

Evincepb Publishing: How easy/ difficult it was for you to publish your book? What message would you like to give to budding authors?

Author: मै बहुत शुक्रगुज़ार हूँ की आज हमारे पास बहुत से पब्लिशिंग हाउस हैं जो budding authors  को सपोर्ट कर रहे हैं।  कितने ही लेखकों की बेहतरीन रचनायें कभी दुनिया के सामने नहीं आ पातीं। मेरे और सभी budding authors  की तरफ से आप सभी पब्लिशिंग हाउसेस को बहुत बहुत धनयवाद।

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